मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत बिहार सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए 40 फ़ीसदी अनुदान दे रही है। इस योजना के तहत 3 वर्षों तक 21 जिलों में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जाएंगे।
बिहार: इस योजना के लिए 3 करोड रुपए की स्वीकृति बिहार सरकार की तरफ से की गई है। ड्रैगन फ्रूट विकास योजना के तहत 3 वर्षों तक 21 जिलों में ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जाएंगे। बाजार में ड्रैगन फ्रूट की बढ़ती मांग को देखते हुए खेती विस्तार के लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है।
बिहार के कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज में बड़े पैमाने पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। ड्रैगन फ्रूट एक औषधि फल है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में होता है। बाजार में इस फल का अच्छा मूल्य प्राप्त होता है। किसानों को इसकी खेती करने से अच्छा मुनाफा मिलेगा, इसी वजह से बिहार समेत कई राज्यों में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है।
ऐसे उठाएं योजना का लाभ
बिहार सरकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ₹300000 की सब्सिडी दे रही है। इस खेती की कुल लागत 7,50,000 रूपए है। बाग लगाने पर किसानों को 40 फीसदी अनुदान दिया जाएगा, अनुदान के ₹300000 तीन किस्तों में दिए जाएंगे। किसानों को पौधारोपण का सामान खुद ही खरीदना होगा। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को डीबीटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
किसानों को http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस योजना के तहत पहले और पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन होगा। सबसे ज्यादा लाभ सामान्य वर्ग के लोगों को मिलेगा। इसमें 78.56 फ़ीसदी सामान्य, 20 फ़ीसदी अनुसूचित जाति, 1.44 फ़ीसदी अनुसूचित जनजाति और 30 फ़ीसदी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
इन जिलों में होगी ड्रैगन फ्रूट की खेती
बिहार में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए भोजपुर, गोपालगंज, जहानाबाद, सारण, सिवान, सुपौल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, समस्तीपुर और वैशाली में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाएगी। इसमें पहले और पहले पाओ की तर्ज पर किसानों की सब्सिडी उन्हें दिया जाएगा।