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Kargil Vijay Diwas 2024: इतिहास, नायक, महत्व

कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की गौरव का सम्मान एवं उनकी बहादुरी के लिए यह मनाया जाता है।

1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत का स्मरण और ऑपरेशन विजय की सफलता को दर्शाता है। ऑपरेशन विजय में भारतीय सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले के उन इलाकों को पुन: प्राप्त किया, जहां पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ किया था।

कारगिल विजय दिवस 2024: इतिहास

1971 की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ जिसके परिणाम स्वरूप पूर्वी पाकिस्तान एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश बना। दोनों शक्तियां सियाचिन ग्लेशियर पर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए आसपास के पर्वत श्रृंखलाओं पर सैन्य चौकियां बनाकर अपनी लड़ाइयां जारी रखती थी। दोनों देशों ने 1998 में परमाणु परीक्षण भी किया इसके परिणाम स्वरुप दोनों के बीच लंबे समय तक शत्रुता रही।

दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए फरवरी 1999 में लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए और कश्मीर मुद्दे के द्विपक्षीय शांतिपूर्ण समाधान पर बातचीत की।

पाकिस्तान सेना ने 1998 -1999 की सर्दियों में NH1a पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लद्दाख क्षेत्र में कारगिल के द्रास और बटालिक सेक्टर में गुप्त रूप से सेना भेजी। लेकिन भारतीय सेना को जल्द ही एहसास हुआ कि कुछ बड़ा और अधिक योजनाबद्ध हो रहा है।

मई 1999 में घुसबैठियों पर भारतीय सेना ने कंट्रोल करने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया और कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई। यह संघर्ष कारगिल जिले और एलओसी पर मई से जुलाई 1999 तक हुआ।

भारतीय सेना ने आक्रमणकारियों को पकड़ने और टाइगर हिल पर कब्जा करने में सफलता हासिल की। भारतीय सेना ने 3 महीने के संघर्ष के बाद 26 जुलाई 1999 को यह विजय हासिल की हालांकि इस युद्ध में दोनों तरफ से भारी क्षति हुई और इस लड़ाई में 527 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गवाएं।

कारगिल विजय दिवस महत्व:

भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान का सम्मान हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। कठिन पहाड़ी इलाकों और खराब मौसम के बावजूद बहादुरी से लड़ाई लड़ रहे भारतीय सेना ने चौकियों को फिर से हासिल किया। जब पाकिस्तान सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा तो भारत को विजेता घोषित किया गया।

कारगिल विजय दिवस राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र का एक शक्तिशाली प्रतीक भी है। यह उन वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। देश की सीमाओं की रक्षा में उनकी बहादुरी और धैर्य को श्रद्धांजलि के रूप में कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई हर साल बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध के नायक:

यह दिन हमारे देश के लिए सैनिकों के बिना शर्त प्यार और बलिदान का प्रतीक है। बहादुर सैनिक हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना साहस और समर्पण दिखाते हैं।वीरता,  असाधारण कार्य उन्हें सच्चे नायक बनाते हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार, ब्रिगेडियर योगेंद्र सिंह यादव, राइफलमैन संजय कुमार, मेजर राजेश अधिकारी जैसे विभिन्न सैनिकों ने अपने प्राण और बलिदान से इस देश को आतंकवादियों से मुक्त कराया।

वतन पे जो फिदा होगा, अमर वो नौजवां होगा

रहेगी जब तलक दुनिया, यह अफसाना बयां होगा ।

 

 

 

 

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